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आचार्य श्रीराम शर्मा >> ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान प्रयोजन और प्रयास

ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान प्रयोजन और प्रयास

श्रीराम शर्मा आचार्य

प्रकाशक : युग निर्माण योजना गायत्री तपोभूमि प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :60
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 4226
आईएसबीएन :00000

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प्रस्तुत है ब्रह्मवर्चस् का प्रयोजन और प्रयास

प्रत्यक्षवाद की कसौटी पर सही न उतरने के कारण विज्ञान ने आमा की-परमात्मा की, कर्मफल की सत्ता को नकारा है। यदि उसकी यह बात मान ली जाय तो आदर्शवादिता, नैतिकता, सामाजिकता का कोई ठोस आधार शेष नहीं रह जाता, स्वार्थ सिद्धि ही सर्वोपरि बुद्धिमत्ता  ठहरती है। ऐसी स्थिति में सर्वत्र अराजकता एवं उद्धत अनाचार का ही बोलबाला रहेगा। अध्यात्म को नकारने की प्रतिक्रिया मनुष्य समाज को प्रेत-पिशाचों का जमघट बनाकर ही छोड़ेगी।

इस विषम परिस्थिति में अध्यात्म की पुनर्स्थापना केवल श्रृद्धा के बल पर सम्भव नहीं है। उसे विज्ञान और प्रत्यक्षवाद की कसौटी पर भी खरा सिद्ध करना होगा। इसी आधार पर प्रबुद्ध वर्ग को वे सनातन सत्य स्वीकार करने के लिए बाध्य किया जा सकेगा, जिनकी आवश्यकता मनुष्य के विकास के लिए अनिवार्य रूप है। शांन्तिकुन्ज के ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान ने यही लक्ष्य हाथ में लिया है कि 'बुद्धिवाद को विज्ञान की कसौटी पर कसकर, अध्यात्मवाद की गरिमा स्वीकार करने के लिए प्रत्यक्षवाद को सहमत किया जाय।'  - परम पूज्य गुरुदेव

  1. १- अध्यात्म और विज्ञान की सहकारिता
    1. प्रथम तल गायत्री शक्तिपीठ-
  2. २- महाप्रज्ञा की चौबीस शक्तियों का संक्षिप्त परिचय
  3. ३-प्रयोगशाला एवं संदर्भ ग्रन्थालय
  4. ४-वनौषधि उपचार एक-संजीवनी विद्या
    1. इस विद्या को विज्ञान सम्मत बनाया जाए
  5. ५-वनौषधियों का वाष्पीकृत स्थिति में प्रयोग
    1. अग्निहोत्र से शरीर ही नहीं, मन का भी उपचार
  6. ६-शब्दयोग एवं संगीत की प्रभावोत्पादक सामर्थ्य
    1. अध्यात्म का प्रवेश द्वार-ध्यान योग


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